NCTE BED Course News: शिक्षा जगत में एक नया दौर शुरू होने वाला है। अगर आप शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं या पहले से ही क्लासरूम में पढ़ा रहे हैं, तो राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) का ताजा ऐलान आपके लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। जी हां, 2014 में दो साल के लिए बढ़ाए गए B.Ed और M.Ed कोर्स अब फिर से 1 वर्षीय फॉर्मेट में लौट रहे हैं – वो भी 2026-27 अकादमिक सेशन से। यह बदलाव न सिर्फ छात्रों को तेज ट्रैक देगा, बल्कि देश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को भी दूर करने में मदद करेगा। लेकिन सवाल यह है क्या यह फैसला सही दिशा में कदम है? आइए, जानते हैं इसी खबर को पूर्ण रूप से विस्तार से ।
NCTE का यह बड़ा कदम क्यों उठा
बात 2014 की है, जब NCTE ने B.Ed कोर्स को एक साल से बढ़ाकर दो साल कर दिया था। मकसद था – शिक्षकों को ज्यादा प्रोफेशनल बनाना। योग एजुकेशन, जेंडर स्टडीज और लंबे इंटर्नशिप जैसे नए मॉड्यूल जोड़े गए। लेकिन क्या हुआ? कई संस्थानों में सीटें खाली पड़ी रहीं, एडमिशन कम हुए, और करिकुलम में वो सुधार नहीं आया जो उम्मीद थी। NCTE चेयरमैन पंकज अरोड़ा ने खुद कहा है कि दो साल का M.Ed कोर्स युवाओं में टीचिंग के प्रति उत्साह जगाने में नाकाम रहा। अब NEP 2020 के तहत यह रिवर्सल हो रहा है। UGC के नेशनल हायर एजुकेशन क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क भी एक साल के मास्टर्स को सपोर्ट करता है। कुल मिलाकर, यह बदलाव शिक्षा को ज्यादा फ्लेक्सिबल और एक्सेसिबल बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम लगता है। लेकिन याद रखें, दो साल का कोर्स भी रहेगा – वो उन छात्रों के लिए जो थ्री-ईयर ग्रेजुएशन के बाद B.Ed करना चाहें।
1 वर्षीय B.Ed कोर्स के लिए पात्रता और तरीका
सबसे बड़ा सवाल कौन अप्लाई कर सकता है NCTE के ड्राफ्ट रेगुलेशंस 2025 के मुताबिक, 1 वर्षीय B.Ed के लिए आपको फोर-ईयर अंडरग्रेजुएट डिग्री (जैसे BA B.Ed या BSc B.Ed) या पोस्टग्रेजुएट डिग्री में कम से कम 50% मार्क्स चाहिए। अगर आपकी ग्रेजुएशन थ्री-ईयर की है, तो अभी भी दो साल का कोर्स ही आपका ऑप्शन रहेगा। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) सब्जेक्ट और एप्टीट्यूड टेस्ट कंडक्ट करेगी। 2026 में B.Ed एडमिशन फॉर्म्स रिलीज होते ही आपको 1-वर्षीय ऑप्शन मिलेगा। कोर्स में फाउंडेशनल, प्रिपरेटरी, मिडिल और सेकेंडरी लेवल पर फोकस होगा। यह आधुनिक क्लासरूम चैलेंजेस के लिए डिजाइन किया गया है। मास्टर्स डिग्री या फोर-ईयर UG में 50% मार्क्स। यह फुल-टाइम रेगुलर कोर्स होगा, जबकि दो साल का पार्ट-टाइम वर्जन वर्किंग टीचर्स के लिए चलेगा।
शिक्षकों के करियर पर क्या असर पड़ेगा
यह बदलाव शिक्षकों के लिए बड़ा बदलाव लाएगा, खासकर उन लोगों के लिए जो जल्दी फील्ड में उतरना चाहते हैं। कल्पना कीजिए – सिर्फ एक साल में B.Ed कंपलीट करके आप सरकारी या प्राइवेट स्कूल में जॉब पा सकते हैं। इससे टीचर-स्टूडेंट रेशियो बेहतर होगा, और ग्रामीण इलाकों में शिक्षकों की कमी कम हो सकती है। NEP 2020 का यह हिस्सा शिक्षा को ज्यादा इंक्लूसिव बनाने की कोशिश है।
लेकिन चुनौतियां भी हैं, क्या एक साल में वो डेप्थ मिल पाएगी जो दो साल में मिलती है? कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि क्वालिटी पर असर पड़ सकता है। NCTE ने इंफ्रास्ट्रक्चर और फैकल्टी रिक्वायरमेंट्स स्ट्रिक्ट रखे हैं, ताकि स्टैंडर्ड्स डाउन न हों। साथ ही, ITEP (फोर-ईयर इंटीग्रेटेड कोर्स) को 2025-26 से मेनस्ट्रीम बनाया जा रहा है, जिसमें योगा, फिजिकल एजुकेशन, संस्कृत और आर्ट एजुकेशन जैसे स्पेशलाइज्ड प्रोग्राम्स भी जुड़ेंगे।